Description
  पूरे देश में जन्माष्टमी के उत्सव को भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। कई जगहों पर इसे कृष्णाष्टमी भी कहते हैं। जन्माष्टमी का त्योहार पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। श्रीमदभागवत गीता में जन्माष्टमी के बारे में वर्णन है, कंस का वध करने के लिए जब भगवान विष्णु कृष्ण का रूप लेकर धरती पर आए तो उसी दिन को जन्माष्टमी के तौर पर मनाया जाने लगा। वासुदेव और देवकी के घर में भाद्र माह की अष्टमी पर मध्यरात्रि में कृष्ण का जन्म हुआ था। इसके बाद वासदुेव ने कंस के भय से कृष्ण को वृंदावन में यशोदा के घर पर छोड़ दिया था। तब से मथुरा और वृंदावन, दोनों को ही भगवान श्री कृष्ण का घर माना जाने लगा और जन्माष्टमी के अवसर पर यहां खूब रौनक होती है। भारतीय त्योहारों में जन्माष्टमी की अपनी खास जगह है, इसे काफी बेहतरीन ढंग से और पूरे जोश और उल्लास के साथ देशभर में मनाया जाता है। ऐसे में श्री कृष्ण के पूजन से लेकर, मंदिर व घर की साज-सज्जा, पकवान और परिधान की तैयारी भी खूब ध्यान में रख कर की जाती है।